. . ज़रा भी करती नहीं इन्हिराफ़ फ़ित्रत से बहिश्ती फूल है, परहेज़ गार है तितली . . .


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ज़रा भी करती नहीं इन्हिराफ़ फ़ित्रत से
बहिश्ती फूल है, परहेज़ गार है तितली
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