रदीफ़ क़ाफ़िया बंदिश ख़याल लफ़्ज़-गरी
रदीफ़ क़ाफ़िया बंदिश ख़याल लफ़्ज़-गरी
वो हूर ज़ीना उतरते हुए सिखाने लगी
किताब बाब ग़ज़ल शेर बैत लफ़्ज़ हुरूफ़
ख़फ़ीफ़ रक़्स से दिल पर उभारे मस्त परी
कलाम अरूज़ तग़ज़्ज़ुल ख़याल ज़ौक़-ए-जमाल
बदन के जाम ने अल्फ़ाज़ की सुराही भरी